मुख्यमंत्री ने विगत दिनों हुई आपदा में मृतकों के परिजनों से मिलकर शोक संवेदना व्यक्त की। उन्होंने हीराडूंगरी निवासी रेखा देवी की पुत्री अरोमा सिंह के मलबे में दबने के कारण हुई मृत्यु पर उनकी माता से मिलकर गहरा दुःख व शोक संवेदना व्यक्त किया। मुख्यमंत्री ने ग्राम सिराड पहुॅचकर चन्दन सिंह की पत्नी लीला देवी के मलबे में दब जाने से मृत्यु होने पर उनके परिवारजनों से मिलकर गहरी शोक संवेदना व्यक्त की।
मुख्यमंत्री ने आपदा प्रभावितों से मुलाकात कर कहा कि अतिवृष्टि से हुए नुकसान की भरपाई के लिए प्रदेश सरकार हर सम्भव सहायता कर रही है। उन्होंने कहा कि आपदा के समय सरकार हर पीड़ित व्यक्ति के साथ खड़ी है और सभी लोग अपने-अपने स्तर से काम कर रहे है। उन्होंने आपदा प्रभावित स्थलों का मुआयना करते हुए जिलाधिकारी को निर्देश दिये कि आपदा मद से इन स्थलों पर सुरक्षा दीवार का निर्माण किया जाय।
इसके बाद मुख्यमंत्री ने पुलिस लाईन में समस्त जिला स्तरीय अधिकारियों के साथ बैठक की। इस दौरान उन्होंने कहा कि राहत एवं बचाव कार्यों में लापरवाही ना बरती जाए तथा बचाव व राहत कार्यों में तेजी से काम किया जाएं। उन्होंने निर्देश दिए कि शीघ्र अति शीघ्र आपदा प्रभावित इलाकों में राशन व्यवस्था समेत मूलभूत आवश्यकताओं की व्यवस्था की जाए। जिन परिवारों को विस्थापित किया जाना है उनके लिए स्थान का जल्द से जल्द चयन कर उन्हें विस्थापित की जाने की कार्रवाई की जाए। संचार, सड़क, बिजली तथा पानी जैसी मूलभूत आवश्यकताओं समेत सभी व्यवस्थाओं को जल्द से जल्द दुरुस्त किया जाए। है जिससे लोगों को मुसीबत का सामना ना करना पड़े। मुख्यमंत्री ने लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिये कि 07 नवम्बर तक सड़कों को गडढ़ा मुक्त किया जाय।
जिलाधिकारी वन्दना सिंह ने बताया कि राष्ट्रीय मार्ग व राज्य मार्ग यातायात हेतु खोल दिए गये है। उन्होंने बताया कि ग्रामीण क्षेत्र की बन्द सड़कों को 26 अक्टूबर तक पूर्णरूप से खोल दिया जायेगा। उन्होंने बताया कि आपदा से हुई क्षति में सभी को मुआवजा वितरित कर दिया गया है। जनपद में आपदा राहत कार्य युद्ध स्तर पर किया जा रहा है। साथ ही सड़क, पैदल मार्ग, पेयजल लाईन, संचार एवं विद्युत आपूर्ति का कार्य तेजी के साथ किया जा रहा है और सभी परिसम्पत्तियों को हुए नुकसान का आकलन किया जा रहा है।