वरिष्ठ कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत की अध्यक्षता में विधानसभा में पेंशन प्रकरण को लेकर बनाई गई मंत्रिमंडल की उपसमिति की बैठक हुई जिसमें उप समिति के सदस्य बंशीधर भगत और सुबोध उनियाल भी मौजूद रहे। बैठक के बाद कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत ने बयान देते हुए कहा कि आज भी बैठक में उन्होंने तमाम उन प्रकरणों का संज्ञान दिया है जिन पर पेंशन प्रकरण को लेकर पेंच फंसा हुआ है साथ ही कोर्ट के द्वारा दिए गए निर्देशों का भी उन्होंने संज्ञान लिया है जल्द ही वह फिर से बैठक करेंगे और इस मामले का निस्तारण करने की कोशिश करेंगे साथ ही उन्होंने साफ कहा है कि किसी कभी अनित नहीं होने दिया जाएगा सब के हितों को ध्यान में रखते हुए समिति अपना फैसला लेगी यानी साफ है कि कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत के इस बयान से उन कर्मचारियों को आस जगी है जिनकी जोइनिंग 2005 में एक ही विज्ञप्ति के आधार पर हुई थी लेकिन उनके साथ के कर्मचारियों को पेंशन का लाभ तो मिलेगा लेकिन उनकी नियुक्ति में देरी की वजह से उन्हें पेंशन का लाभ अभी वंचित रखा गया है लेकिन कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत ने साफ किया है कि किसी के भी हित प्रभावित नहीं होने दिए जाएंगे यानी कि एक ही विज्ञप्ति के आधार पर जिन की जॉइनिंग देर में भी हुई है उनको भी पेंशन का लाभ दिया जा सकता है। हरक सिंह रावत का कहना है कि 1 अक्टूबर 2005 के बाद नॉन पेंशन योजना शुरू हुई जिसके तहत कर्मचारियों को पेंशन का लाभ 1 अक्टूबर 2005 की जॉइनिंग के बाद नहीं मिलता है,लेकिन उनके पास हजारों ऐसे मामले हैं,जिनकी जॉइनिंग 1 अक्टूबर 2005 के बाद हुई लेकिन कई मामले ऐसे है जिनकी भर्ती एक साथ हुई रिजल्ट भी एक साथ निकला लेकिन जॉइनिंग 1 अक्टूबर 2005 के बाद होने के कारण कई कर्मचारियों को इसका लाभ नहीं मिल रहा है, कोटद्वार में 2005 में उपचुनाव के चलते ही कुछ ऐसे शिक्षकों को पौड़ी जिले में प्राइमरी और एलटी में पेंशन का लाभ नहीं मिल पा रहा है, क्योंकि आचार संहिता की वजह से उनकी जॉइनिंग नहीं हो पाई थी इसलिए समिति ने आज उन सभी पहलूओं का अध्ययन किया है,और जल्द ही इसको लेकर फैसला भी ले लिया जाएगा।