देहरादून:-कोरोना पाजिटिव होने के बाद आइसोलेशन में रहते हुए मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत वर्चुअली सरकारी कामकाज कर रहे हैं। वर्चुअल बैठक में वन भूमि हस्तांतरण के लम्बित प्रकरणों की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने मामलों की नियमित समीक्षा सुनिश्चित करने के निर्देश दिये।
मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत का मानना है कि संक्रमण की स्थितियों में एहतियात बरतना जरूरी है। लेकिन यदि संभव है तो आइसोलेशन में रहते हुए भी अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन किया जाना चाहिए। वन भूमि हस्तांतरण के लम्बित प्रकरणों की समीक्षा बैठक करते हुए मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने कहा कि वन भूमि हस्तांतरण के प्रकरणों के निस्तारण में अनावश्यक विलम्ब नहीं होना चाहिए।
दरअसल उत्तराखंड में कई विकास की योजनाएं वन भूमि हस्तांतरण के कारण रुक जाती है ऐसे में मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने कहा है कि ऐसी जितनी भी लंबित मामले हैं उनकी जल्द से जल्द डिटेल तैयार की जाए और उन पर समीक्षा की जाए कि कहां पर वन भूमि हस्तांतरण से मामले रुके हुए हैं वैसे देखा जाए तो उत्तराखंड में 65 फीसद से ज्यादा फॉरेस्ट एरिया है लगभग 45 फ़ीसदी एरिया डेंस फॉरेस्ट में आता है यही वजह है कि उत्तराखंड में बहुत सारी विकास की योजनाएं वन भूमि हस्तांतरण के कारण रुकी हुई है
मुख्यमंत्री ने सभी जिलाधिकारियों को लैंड बैंक शीघ्र तैयार करने के निर्देश दिए। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि जनपद स्तर के वन भूमि हस्तांतरण के लंबित मामलों के निस्तारण हेतु सभी जिला अधिकारी नियमित बैठक आयोजित करें। उन्होंने प्रमुख सचिव वन को भी लंबित मामलों के निस्तारण हेतु अपने स्तर पर बैठक आयोजित करने के निर्देश दिए। उन्होंने ढिलाई बरतने वाले अधिकारियों पर कार्रवाई करने के भी निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने संबंधित विभागों से आपसी समन्वय के साथ कार्य करते हुए मामलों के निस्तारण हेतु तेजी लाने की बात कही। उन्होंने कहा कि सीमांत क्षेत्रों में सड़कों निर्माण में तेजी लाने हेतु वन भूमि हस्तांतरण के मामलों को तेजी से निस्तारित किया जाए। इस अवसर पर प्रमुख सचिव वन आनन्द वर्द्धन एवं पीसीसीएफ राजीव भरतरी सहित वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सभी जनपदों से जिलाधिकारी उपस्थित थे।