विभागीय मंत्री डाॅ0 धन सिंह रावत ने राज्य के पहले व्यावसायिक माॅडल महाविद्यालय, पैठाणी में इसी सत्र से कक्षाएँ संचालित करने तथा सभी महाविद्यालयों में आगामी सत्र से वाई-फाई की सुविधा उपलब्ध कराने हेतु विभागीय अधिकारियों को तत्काल कार्यवाही के निर्देश दिए।
दून विश्वविद्यालय स्थित रूसा कार्यालय में वर्चुअल माध्यम से उच्च शिक्षा विभागान्तर्गत राज्य के विभिन्न विश्वविद्यालयों के कुलपति, शासन के उच्चाधिकारियों एवं उच्च शिक्षा निदेशालय के अधिकारियों के साथ आयोजित समीक्षा बैठक में विभिन्न बिन्दुओं पर चर्चा करते हुए कई अहम फैसले लिए। समीक्षा बैठक के दौरान विश्वविद्यालयों में 4जी कनैक्टिविटी, डीजी लॉकर की स्थापना, ई-ग्रन्थालय की वर्तमान स्थिति, रिक्त पदों के सापेक्ष भर्ती, वार्षिक एवं सेमेस्टर परीक्षाओं का आयोजन, राजकीय महाविद्यालयों में रोजगारपरक पाठ्यक्रम का संचालन, महाविद्यालयों का उच्चीकरण, नमामि गंगे कार्यक्रम की स्थिति, महाविद्यालयों में कम्प्यूटर लैब की स्थापना सहित विभिन्न बिन्दुओं पर विस्तारपूर्वक चर्चा की। उन्होनें राज्य के विभिन्न विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों में राज्य सैक्टर तथा रूसा के तहत निर्माणाधीन कार्याें की समीक्षा करते हुए निर्माण कार्याें नियत समय पर पूर्ण करने के निर्देश दिए। राज्य में प्रस्तावित आईसर संस्थान की स्थापना हेतु भारत सरकार की सहमति के लिए प्रस्ताव भेजने तथा महिला विश्वविद्यालय की स्थापना हेतु आवश्यक कार्यवाही के भी निर्देश दिए ।
राज्य के शासकीय महाविद्यालयों में प्राचार्य के 50 प्रतिशत पदों को सीधी भर्ती द्वारा भरे जाने हेतु चर्चा करते हुए निदेशालय स्तर से प्रस्ताव आमंत्रित कर आगामी कैबिनेट बैठक में रखने पर भी सहमति बनी। समीक्षा बैठक के दौरान उत्तराखण्ड मुक्त विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो0 ओ0पी0एस0 नेगी, श्रीदेव सुमन विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो0 पी0पी0 ध्यानी, सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय अल्मोड़ा के कुलपति प्रो0 एन0एस0 भण्डारी, कुमाऊँ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो0 एन0के0 जोशी, दून विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो0 सुरेखा डंगवाल ने अपने-अपने संस्थानों की कार्य प्रगति बताते हुए शासन स्तर पर लम्बित प्रकरणों का शीघ्र निस्तारण करने की मांग रखी। अपर मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन ने विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को आश्वस्त किया कि, शासन स्तर पर लम्बित उनके प्रकरणों का निस्तारण शीघ्र किया जाएगा। उन्होने निदेशक उच्च शिक्षा को निदेशालय स्तर पर लम्बित सभी प्रकरणों पर कार्यवाही करने के निर्देश दिए।