देहरादून से भी जुड़े है इसके तार, दिल्ली में पुलिस ने 2 हजार जिंदा कारतूस बरामद किये

दिल्ली पुलिस ने उसकी मदद से एक बड़े कारतूस तस्करी नेटवर्क का भंडाफोड़ किया है. पुलिस ने 6 आरोपियों को गिरफ्तार भी कर लिया है.

पूर्वी रेंज के एडिशनल कमिश्नर विक्रमजीत सिंह ने बताया कि कारतूस तस्करी की ये पूरी साजिश उत्तर प्रदेश के मेरठ की जेल में बन्द अनिल नाम के गैंगस्टर ने रची थी. उसने राज्य के ही जौनपुर के सद्दाम की बात उत्तराखंड की राजधानी देहरादून के परिक्षित नेगी से करवाई थी. सद्दाम को हाई कैलिबर कारतूस की जरूरत थी. जबकि परीक्षित नेगी का देहरादून में एक गन हाउस है. दिल्ली पुलिस ने लगभग एक हफ्ते तक इस तस्करी का भंडाफोड़ करने के लिए ऑपरेशन चलाया और अब तक 2251 कारतूस बरामद किए हैं.

गिरफ्त में आए लड़कों ने पुलिस को बताया कि वो ये कारतूस देहरादून से लेकर आ रहे हैं. आगे इन्हें पहले लखनऊ और फिर जौनपुर पहुंचाया जाना था. उन्होंने बताया कि जिस शख्स ने उन्हें देहरादून में इनकी डिलीवरी दी, उसके हाथों पर टैटू बना था. उसने एक पुल के नीचे बुला कर ये कारतूस दिए थे. इसी जानकारी के आधार पर पुलिस ने रॉयल गन हाउस के मालिक परीक्षित नेगी को पहले जीरो इन किया और फिर उसे गिरफ्तार कर लिया. जांच में पता लगा कि हेर-फेर करके परीक्षित नेगी कई बार अवैध रूप से कारतूस बेच चुका है.

हर एंगल से इस पूरी घटना की जांच करने के साथ ही पुलिस यह भी पता लगाने की कोशिश कर रही है कि कहीं इस पूरे नेटवर्क का तार किसी आतंकी संगठन से तो नहीं जुड़े है. 15 अगस्त से ठीक पहले इतनी बड़ी मात्रा में कारतूस बरामद होने के बाद दिल्ली पुलिस सतर्क है.

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