प्राकृतिक आपदा से ग्रस्त उत्तराखंड को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 1200 करोड़ का राहत पैकेज देने की घोषणा की है। उन्होंने राज्य सरकार की ओर से दिए गए 5702 करोड़ के प्रस्ताव और केंद्रीय अंतर मंत्रालयी टीमों की रिपोर्ट के आधार पर बाद में और मदद देने का भरोसा दिया है।बृहस्पतिवार को शाम करीब साढ़े चार बजे पीएम मोदी देहरादून एयरपोर्ट पहुंचे। सीएम पुष्कर सिंह धामी ने उनका स्वागत किया। यहां से उन्हें सेना के हेलिकॉप्टर से आपदा प्रभावित क्षेत्रों का हवाई निरीक्षण करने जाना था, लेकिन मौसम खराब होने के कारण हवाई दौरा रद्द कर दिया गया। इसके बाद पीएम ने यहां एनडीआरएफ-एसडीआरएफ व राज्य सरकार के अफसरों के साथ राहत व पुनर्वास कार्यों और नुकसान का आकलन करने के लिए बैठक की।उन्होंने उत्तराखंड के लिए 1200 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता की घोषणा की। प्रधानमंत्री ने आपदा प्रभावित पूरे क्षेत्र और उसके लोगों की मदद के लिए बहुआयामी दृष्टिकोण अपनाने की आवश्यकता पर जोर दिया। इसमें प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत घरों का पुनर्निर्माण, राष्ट्रीय राजमार्गों का जीर्णोद्धार, स्कूलों का पुनर्निर्माण, प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष के माध्यम से राहत प्रदान करने और पशुओं के लिए मिनी किट वितरित करने जैसे उपाय शामिल होंगे।
प्रधानमंत्री ने कहा कि राज्य को अग्रिम भुगतान सहित आपदा प्रबंधन अधिनियम और नियमों के तहत घोषित सहायता अंतरिम अवधि के लिए है। केंद्र सरकार राज्य के ज्ञापन (5702 करोड़) और केंद्रीय टीमों की रिपोर्ट के आधार पर मूल्यांकन कर समीक्षा करेगी। उन्होंने प्रभावित क्षेत्रों में बुनियादी सुविधाओं की बहाली और पुनर्निर्माण के लिए पूर्ण सहायता देने का आश्वासन दिया।
प्रधानमंत्री ने प्राकृतिक आपदा में जान गंवाने वाले लोगों के परिजनों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करते हुए कहा कि केंद्र सरकार इस कठिन समय में राज्य सरकार के साथ मिलकर काम करेगी। उन्होंने धराली, थराली, पौड़ी और बागेश्वर के आपदा प्रभावितों से बातचीत कर उनकी समस्याएं सुनीं। उन परिवारों के प्रति संवेदनाएं जताईं, जिन्होंने अपने प्रियजनों को खो दिया है। प्रधानमंत्री मोदी ने आपदाओं में मृतकों के परिजनों के लिए दो-दो लाख रुपये और गंभीर रूप से घायल लोगों के लिए 50-50 हजार रुपये की अनुग्रह राशि की भी घोषणा की। इन आपदाओं में अनाथ हुए बच्चों को पीएम केयर्स फॉर चिल्ड्रन योजना के माध्यम से सहायता मिलेगी, जिससे उनकी दीर्घकालिक देखभाल हो सकेगी।