मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना में अबतक 45 करोड़ का का ऋण स्वीकृत ,86 प्रोजेक्ट के लिए 2.64 करोड़ का लोन भी वितरित

कोरोना काल में उत्तराखंड में लाखों प्रवासी वापस राज्य में लौटे है ऐसे में राज्य सरकार ने इन सभी प्रवासियों के लिए स्वरोजगार के अवसर देने के लिए मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना की शुरुआत की है मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने इस योजना की शुरुआत इस सोच से की है कि प्रदेश में लौटे प्रवासियों को यहीं पर न सिर्फ स्वरोजगार मिले बल्कि दूसरों को भी रोजगार दे सके इस आधार पर मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना की शुरुआत की गई है इस योजना से अभी तक 1216 अभ्यर्थियों को 45 करोड़ का का ऋण स्वीकृत किया गया है । जबकि 86 प्रोजेक्ट के लिए 2.64 करोड़ का लोन भी वितरित किया जा चुका है । दरअसल मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के पीछे प्रदेश के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की सोच यह है कि उत्तराखंड का युवा आत्मनिर्भर बने और बाहर अन्य राज्यों में काम की तलाश करने के बजाए प्रदेश में ही खुद का स्वरोजगार खोलें और अन्य बेरोजगार युवाओं को रोजगार भी दे इसके पीछे यह भी मकसद है कि राज्य में लगातार जो पलायन हुआ था उसे भी कम किया जा सके सबसे महत्वपूर्ण स्वरोजगार खोलने से प्रदेश की अर्थव्यवस्था को भी बल मिलेगा |
वही सीएम त्रिवेंद्र रावत ने प्रदेश के युवाओं से अपील कि ,
मैं प्रदेश के युवा शक्ति का आह्वान करता हूँ कि आप सभी ज़्यादा से ज़्यादा संख्या में आगे आएँ और स्वरोज़गार अपनाएँ….हमारी सरकार का प्रयास स्वरोज़गार को प्रदेश के विकास का इंजन बनाने का है और मैं आप सभी को इस मिशन से जुड़ने की विनती करता हूँ । स्वरोज़गार से उत्तराखंड को समृद्ध बनाएँ।

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