सूबे के राजकीय विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं को किताबी ज्ञान के साथ-साथ स्वस्थ रहने के लिए योग का भी अभ्यास कराया जायेगा, जिसके लिये प्रत्येक विश्वविद्यालय परिसर एवं महाविद्यालयों में योग प्रशिक्षक तैनात किये जायेंगे। देहरादून में प्रस्तावित राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय की स्थापना हेतु संशोधित डीपीआर तैयार कर शासन को भेजने के निर्देश विभागीय अधिकारियों को दिये गये। विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों में नैक एक्रिडिएशन की निगरानी एवं सुझाव हेतु एक उच्च स्तरीय समिति गठित की जायेगी। उच्च शिक्षा विभाग में इसी शैक्षणिक सत्र से राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के क्रियान्वयन के लिये राज्य स्तरीय समिति द्वारा तैयार विभिन्न विषयों के पाठ्यक्रमों के ढ़ांचे को शीघ्र स्वीकृति प्रदान कर दी जायेगी।
उच्च शिक्षा मंत्री डॉ0 धन सिंह रावत ने आज शासकीय आवास में उच्च शिक्षा विभाग की समीक्षा बैठक ली। जिसमें उन्होंने राजकीय विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं को शिक्षा के साथ-साथ योग प्रशिक्षण देने के लिये इसी सत्र से नियत वेतनमान पर एक-एक योग प्रशिक्षक तैनात करने के निर्देश अधिकारियों को दिये। विभागीय मंत्री ने कहा कि योग प्रशिक्षकों की नियुक्ति का अधिकार गेस्ट फैकल्टी की भांति संबंधित महाविद्यालयों के प्राचार्यों को दिया जायेगा। डॉ0 रावत ने बताया कि देहरादून में स्वीकृत राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय के निर्माण का कार्य इसी वर्ष शुरू कर दिया जायेगा, इसके लिये उन्होंने संशोधित डीपीआर तैयार कर शीघ्र शासन को प्रेषित करने के निर्देश विभागीय अधिकारियों को दिये। सूबे के राजकीय विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों में नैक एक्रिडिएशन की तैयारियों की निगरानी एवं सुझाव हेतु विभागीय सचिव की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय समिति गठित की जायेगी। उच्च शिक्षा मंत्री डॉ0 रावत ने कहा कि नैक एक्रिडिएशन मिलने के उपरांत राज्य के विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों को यूजीसी द्वारा अतिरिक्त अनुदान मिल सकेगा, जिसके लिये सरकार हर संभव प्रयास करेगी। उन्होंने बताया कि राज्य के उच्च शिक्षा विभाग में इसी शैक्षणिक सत्र से राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के क्रियान्वयन हेतु राज्य स्तरीय समिति द्वारा तैयार विभिन्न विषयों के पाठ्यक्रमों के ढ़ांचे को शीघ्र अंतिम रूप देकर लागू कर दिया जायेगा, इससे पूर्व निजी विश्वविद्यालयों के संचालकों एवं कुलपतियों के साथ एक बैठक का आयोजन किया जायेगा ताकि नये पाठ्यक्रम लागू करने में उनके सुझावों को भी शामिल किया जा सके।