कांग्रेस पार्टी द्वारा रुद्रप्रयाग में अगस्त क्रंति दिवस 9 अगस्त 2022 से आयोजित “भारत जोड़ो- तिरंगा यात्रा ” का समापन आज स्वतंत्रता दिवस के दिन 15 अगस्त 2022 को आजादी की लड़ाई के ऐतिहासिक स्थल “ककोड़ाखाल” , सारी में हुआ। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के आह्वान पर रुद्रप्रयाग सहित उत्तराखंड के सभी जिलों में कांग्रेस जनों द्वारा एक सप्ताह से “तिरंगा यात्राओं ” का आयोजन किया जा रहा है। ककोड़ा खाल में आयोजित समापन कार्यक्रम में आज चमोली की कर्णप्रयाग विधानसभा के कांग्रेसजन भी उपस्थित थे।
कांग्रेस जिलाध्यक्ष ईश्वर सिंह बिष्ट ने बताया कि , पूरे प्रदेश की तरह रुद्रप्रयाग जिले में भी केदारनाथ और रुद्रप्रयाग विधानसभाओं के बिभिन्न स्थानों पर भी पिछले 7 दिनों से उत्साह पूर्वक “तिरंगा यात्राओं” का आयोजन किया गया।
यात्रा के अंतिम दिन कांग्रेसजन अंग्रेजी शासन के दौरान 12 जनवरी 1921 को पहली बार कुली बेगार तथा कुली बरदायश कु- प्रथा करने वाले स्थान पर स्थित ” स्वतंत्रता के 25वें साल में निर्मित स्मारक” पर एकत्र हुए। जंहा पर पूर्व विधायक मनोज रावत द्वारा झंडा रोहण करने के बाद स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों पुष्प श्रद्धांजलि दी गई और उनका नमन किया गया।
इसके बाद जनता उच्चतर माध्यमिक विद्यालय ककोड़ा खाल में स्वतंत्रता दिवस और तिरंगा यात्रा के समापन के अवसर पर विद्यार्थियों ने देश भक्ति पर आधारित सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किये। कार्यक्रम में स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के आश्रितों और पूर्व बीर सैनिकों के आश्रितों को शाल ओढ़कर सम्मानित किया गया।
पूर्व विधायक मनोज रावत ने कहा कि , ” ककोड़ा खाल में ही दसज्यूला पट्टी के 72 गांवों के निवासियों ने 12 जनवरी 2021 को गुलामी और दासता का प्रतीक कुली बेगार तथा कुली बरदायश का हर तरीके से प्रतिकार कर बेगार रजिस्टरों को जला कर स्वयं ही इस कु – प्रथा के अंत की घोषणा कर डाली थी। इस आंदोलन में 86 लोगों को जेल जाना पड़ा एक आंदोलनकारी जेल में मरे एकत्र भीड़ पर लाठियों का प्रयोग किया गया पर काम संख्या में होने पर भी आंदोलनकारी डिगे नहीं । ”
मनोज रावत ने कहा कि , तारीखों में दर्ज है कि ककोड़ा खाल वाली घटना के 2 दिन बाद याने 14 जनवरी 1921 को बागेश्वर में भी उत्तरायणी के दिन कुली बेगार / बरदायश रजिस्टरों को सरयू में बहा कर जनता ने इस कुप्रथा को न सहने के संकल्प लिया था । उन्होंने कहा कि , ये दुर्भाग्य है कि , न तो ककोड़ा खाल में आंदोलन करते हुए जेल गए 86 लोगों को आज भी स्वतंत्रता संग्राम सेनानी का सम्मान नहीं मिला है न ही इतिहास में ककोड़ा खाल को कुली बेगार / बरदायश प्रथा को सबसे पहले समाप्त करने वाले स्थान के रूप में मान्यता मिली है।
मनोज रावत ने कहा कि , 9 अगस्त 2022 से शुरू हुई “भारत जोड़ो- तिरंगा यात्रा ” ने एक बार फिर कांग्रेस जनों और जनता में आजादी का जज्बा भर दिया है। तब “अंग्रेजो भारत छोड़ो” का नारा था अब स्वतंत्रताबीरों की कुर्बानी से मिली आजादी की रक्षा करना और उसके लिए कुर्बानी देना हर कांग्रेसी का कर्तब्य है।
ऐतिहासिक स्थल ककोड़ा खाल में आयोजित “भारत जोड़ो-तिरंगा यात्रा” कार्यक्रम के समापन के अवसर पर कांग्रेस जिलाध्यक्ष रुद्रप्रयाग ईश्वर सिंह बिष्ट , पूर्व विधायक मनोज रावत , पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष गौचर मुकेश नेगी , स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के आश्रित , प्राथमिक शिक्षक संघ के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष प्रेम सिंह गुसाईं , जिला पंचायत सदस्य नरेंद्र बिष्ट , सेवा दल के प्रदेश उपाध्यक्ष दिनेश ममगाई , पूर्व शिक्षक श्रीधर भट्ट व नरेंद्र भंडारी , नगर अध्यक्ष रुद्रप्रयाग विजयपाल जंगवाण , युवक कांग्रेस के जिलाध्यक्ष संतोष रावत , सेवा दल युवा के प्रदेशाध्यक्ष अजयकिशोर भंडारी , लक्ष्मण रावत, संपन्न नेगी ,दिगंबर नेगी शैलेन्द्र भारती”गोस्वामी” , मनोज नेगी , सुनील पंवार आदि उपस्थित थे।