उत्तराखंड में 2022 के चुनाव के लिए सभी राजनीतिक दल तैयारियों में जुट गए हैं लेकिन वहीं कांग्रेस में हरीश रावत के बयानों के बाद एक अलग राजनीति पैदा हो गई है दरअसल हरीश रावत ने सोशल मीडिया के जरिए बयान दिया था कि समय आ चुका है और भाजपा ने जिस तरीके से चुनाव को राजनैतिक लड़ाई की जगह राजनीतिक महायुद्ध बना दिया है तो ऐसे समय में उत्तराखंड में चुनावों में सेनापति कौन होगा यानी मुख्यमंत्री का चेहरा कौन होगा इसकी घोषणा कर देनी चाहिए अब ऐसे में हरीश रावत के बयानों से पार्टी में एकता पार्क नहीं रखने वाले बड़े नेता इस बात की दवाई दे रहे हैं कि कांग्रेस की परंपरा नहीं है कि वह चुनावों में चेहरा उतार कर चुनाव लड़े इसी बयान पर हरीश रावत ने सोशल मीडिया में पोस्ट के जरिए पलटवार करते हुए कहा और चुनाव में चेहरा घोषित करने का फायदा बताया है …..हरीश रावत ने कहा पंजाब-हरियाणा, मध्य प्रदेश, केरल और दिल्ली कई राज्यों में हमने स्पष्ट चेहरा घोषित किया और चुनाव लड़े और जीते है …..चेहरा घोषित करने का कई राज्यों में बेहतर फायदा मिला है …. भविष्य में स्थितियों को देखकर बदलाव ला सकते हैं और लाना चाहिए …. भाजपा ने चुनाव को एक राजनीतिक घटना के स्थान पर राजनीतिक महायुद्ध में बदल दिया है …कमांड लाइन बिल्कुल साफ होनी चाहि …. उत्तराखंड में भाजपा के विरोध में हमें अपना चेहरा घोषित करना आवश्यक है ..चेहरा घोषित करने से मतदाता अपना मन भी बना सकता है
हरीश रावत का बयान
#चुनाव के वक्त कोई असमंजस न रहे, एक नाम को आगे कर हम सब उसके साथ चलें, इस भावना से दिये गये मेरे ट्वीट को लेकर कुछ दोस्त यह कह सकते हैं कि हमारी परंपरा चुनाव के बाद #नेता तय करने की रही है, ऐसा सब राज्यों में नहीं हुआ है, #पंजाब, हरियाणा, मध्यप्रदेश, केरल व दिल्ली और कई राज्यों में हमने स्पष्ट चेहरा घोषित किया और चुनाव लड़े, अधिकांश स्थानों पर अच्छे रिजल्ट रहे और फिर परंपरा हमारी बनाई हुई है, स्थितियों को देखकर आप बदलाव ला सकते हैं और लाना चाहिये। इधर #भाजपा ने चुनाव को एक राजनैतिक घटना के स्थान पर राजनैतिक महा युद्ध में बदल दिया है, इसलिये कमांड लाइन बिल्कुल स्पष्ट होनी आवश्यक हो गई है और उत्तराखंड में इस समय भाजपा के विरोध में हमें अपना चेहरा घोषित करना आवश्यक है, ताकि #मतदाता तद्नुसार अपना मन बना सकें#