रक्षा मंत्रालय ने लैंसडाउन छावनी क्षेत्र में लगने वाले डॉप्लर रडार के लिए स्वीकृति प्रदान कर दी है। सेना के नियमों व सुरक्षा मानकों के कारण यह कार्य लंबे समय से अटका हुआ था लेकिन राज्यसभा सांसद अनिल बलूनी इस सम्बंध में माननीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से भेंट की और अनेक बार रक्षा सचिव सहित रक्षा मंत्रालय के अनेक अधिकारियों से निरंतर चर्चा की। लैंसडाउन में डॉप्लर रडार की स्थापना से रुद्रप्रयाग, चमोली और पौड़ी क्षेत्र के मौसम के पूर्वानुमान में बड़ी मदद मिलेगी। लैंसडाउन क्षेत्र में रक्षा मंत्रालय ने 300 स्क्वायर मीटर जमीन डॉप्लर रडार लगाने के लिए दी है। दो अन्य डॉपलर रडार सुरकंडा (टिहरी) और मुक्तेश्वर (नैनीताल) की स्थापना प्रगति पर है।
दरअसल उत्तराखंड में लगातार प्राकृतिक आपदाएं आती रही है पिछले रिकॉर्ड तो देखे तो उत्तराखंड में बादल फटना, तूफान और मूसलाधार बारिश होने का सटीक पूर्वानुमान होने की जरूरत लंबे समय से महसूस की जा रही थी ऐसे में इन सभी प्राकृतिक आपदाओं की जानकारी उत्तराखंड मौसम विज्ञान केंद्र को पहले पता चल जाए इसके लिए डॉप्लर रडार की मांग की जा रही थी फरवरी महीने में चमोली के ऋषि गंगा तपोवन घाटी में त्रासदी के बाद डॉप्लर रडार की ज्यादा जरूरत महसूस की जा रही थी अब ऐसे में प्रदेश में पहला डॉप्लर रडार स्थापित हो चुका है डॉपलर रडर के जरिए इन प्राकृतिक आपदाओं की जानकारी मौसम विज्ञान केंद्र को लगभग 3 घंटे पहले ही पता चल जाएगी ..डॉप्लर रडार से कई क्षेत्र में इस का फायदा होगा …सबसे बड़ी बात है कि नई टेक्नोलॉजी से लैस डॉपलर रडर बारिश तूफान या आंधी के साथ चलने वाली तेज हवाओं और अतिवृष्टि की जानकारी पहले से ही दे देगा
अब ऐसे में उत्तराखंड में टिहरी जिले के सुरकंडा में डॉप्लर रडार का काम प्रगति पर चल रहा है लेकिन पौड़ी जिले के लैंसडाउन कैंट एरिया में डॉप्लर रडार के लिए जमीन स्वीकृत हो गई है रक्षा मंत्रालय ने लैंसडाउन में डॉप्लर रडार लगाने के लिए जमीन की स्वीकृति दे दी है