उत्तराखंड में 2021 में होने वाले महाकुंभ को लेकर सचिवालय में एक महत्वपूर्ण बैठक हुई ….बैठक में कुंभ मेले के आयोजन को लेकर सभी महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा की गई ….बैठक की अध्यक्षता मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने की ….इसके साथ ही कुंभ मेले के आयोजन को लेकर अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के पदाधिकारियों के साथ सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने सभी विषयों पर गहनता से चर्चा की गई…. इस बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि कुंभ मेला 2021 में निर्धारित समय पर आयोजित किया जाएगा… यह भी निर्णय लिया गया कि इस वर्ष भी छड़ी यात्रा आयोजित होगी जिसमें धर्मस्व एवं संस्कृति विभाग को नोडल विभाग के तौर नामित किया गया… साथ ही यह भी कहा गया कि कुंभ मेले के आयोजन में सभी परंपराओं और मर्यादाओं का अनुपालन किया जाएगा ….सबसे महत्वपूर्ण मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि सभी निर्माण व कार्य 15 दिसंबर से पहले पूरे हो जाने चाहिए…
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि कुम्भ मेला 2021 दिव्य एवं भव्य रूप से आयोजित किये जाने के लिये राज्य सरकार दृढ़ संकल्पित है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि सभी अखाड़ों के सन्त महात्माओं के सहयोग एवं आशीर्वाद से यह आयोजन सफल होगा।
बैठक में सभी अखाड़ों के सुझावों पर मुख्यमंत्री ने नील धारा सहित अन्य क्षेत्रों में निर्मित होने वाले स्नान घाटों के नाम 13 अखाड़ों के ईष्ट देवों के नाम पर रखे जाने, 2010 कुम्भ मेले की भांति इस बार भी उतने ही क्षेत्रफल में कुम्भ मेले के आयोजन, मंशा देवी हिल वाई पास सड़क को मेले के दौरान प्रयोग में लाये जाने तथा आन्तरिक सड़कों के निर्माण में तेजी लाये जाने के निर्देश दिये। मुख्यमंत्री ने हरिद्वार में संत महात्माओं को भू समाधि के लिये स्थान चयन को संत समाज के हित में लिया गया निर्णय बताया। इस वर्ष भी सभी अखाड़ों के सहयोग से छड़ी यात्रा आयोजित की जायेगी …
सीएम कहा कि कुम्भ मेले को भव्य एवं दिव्य रूप से आयोजित किये जाने के लिये लगातार बैठकें की जाती रही हैं। कोविड के कारण उत्पन्न समस्याओं का तत्समय आभास नहीं था। पूरा विश्व इस संकट का सामना कर रहा है। इससे सभी स्तरों पर कार्यों की गति में अवरोध पैदा हुआ है उन्होंने कहा कि इस दौरे से भी हम निजात पायेंगे तथा संतों के आशीर्वाद से इस आयोजन को बेहतर तरीके से सम्पन्न कर पायेंगे। उन्होंने कहा कि इस सम्बन्ध में देश काल व परिस्थिति के अनुसार भी निर्णय लिया जायेगा। आगे स्थितियां कैसी होगी, इसका पूर्वानुमान लगाया जाना कठिन है। कोरोना के कारण इसकी गति कुछ धीमी जरूर हुई है। कुम्भ मेले से सम्बन्धित सभी पुलों, स्नान घाटों, सड़कों, आस्था पथों आदि का निर्माण 15 दिसम्बर तक पूर्ण हो इसका प्रयास किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर सभी संत महात्माओं को उनकी अगुवाई में राम मन्दिर निर्माण के शिलान्यास के लिये भी बधाई दी। उन्होंने कहा कि इसके लिये हमारे संत महात्माओं ने भी अपना बलिदान दिया। आखिर वह शुभ दिन आया जब प्रधानमंत्री श्री मोदी ने श्री राम के भव्य मन्दिर का शिलान्यास किया।
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अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेन्द्र गिरी ने उज्जैन व प्रयाग राज कुम्भ की भांति अखाड़ों को धनराशि व अन्य सुविधायें उपलब्ध कराये जाने की बात रखी। उन्होंने अखाड़ों में साफ-सफाई व अतिक्रमण को हटाने, आवागमन व पेशवाई मार्ग निर्धारण, पुलों, घाटों के निर्माण में तेजी लाये जाने का भी अनुरोध किया। उन्होंने कुम्भ मेले के सफल आयोजन के लिये सभी अखाड़ों की ओर से हर संभव सहयोग का भी आश्वासन दिया।