गर्मियों की शुरुवात अभी ठीक से भी नहीं हुई है कि उत्तराखंड के जंगल आग से धधकने लग गए है और आग की लपटें आसमान छू रही हैं।जंगल की आग जंगली जानवरों परिंदों सहित इंसानों की जान पर बन आयी है अभी तक चार लोगों की आग की चपेट में आने से मौत हो चुकी है जबकि अन्य कई लोग झुलसे हुए हैं। करोड़ो की वनसम्पदा जलकर ख़ाक हो रही है, धू धू कर रहे जंगल की आग के ख़ौफ़नाक मंजर से जंगल के पास रहने वाले आबादी वाले इलाकों में दहशत है।
वनाग्नि के विकराल रूप लेने के बाद अभी तक इसे रोकने के लिए वन विभाग की तैयारी धरातल पर कम और फाइलों में ज्यादा दिख रही हैं….कही दूर जंगलों से उठता धुंआ ये बताने के लिये काफी है कि आग कितनी भयानक लगी है। प्रदेश में अभी तक 928 जगहों में आग लगने की घटनाएं हुयी हैं। 1207. 88 हेक्टेयर क्षेत्र प्रभावित हुआ है और 37 लाख 16 हजार की सम्पदा का नुक्सान हुआ है। मुख्य वन संरक्षक मान सिंह के अनुसार अब तक 4 लोगों की आग लगने से मौत हुयी हैं। 22 वन्य जीव घायल और 7 वन्य जीवों की अभी तक मौत हो चुकी है।
प्रदेश में फायर सीजन आते ही गढ़वाल से लेकर कुमाऊ तक जंगल धू-धू कर जल रहे हैं.उत्तरकाशी जिले में वनाग्नि विकराल रूप लेने लगी है. आए दिन उत्तरकाशी ,टिहरी , चमोली ,रुद्रप्रयाग सहित कुमायूं के अल्मोड़ा नैनीताल वन प्रभाग के विभिन्न रेंज के जंगल जल रहे हैं। गढ़वाल में पौड़ी टिहरी ,उत्तरकाशी,रुद्रप्रयाग और चमोली संवेदनशील जिले हैं वहीँ कुमायूं मंडल में अल्मोड़ा और बागेश्वर जिले संवेदनशील जिले है जहाँ आग ज्यादा लगी है और आग लगती रहती है। जिस कारण लाखों की वन संपदा जलकर राख हो चुकी है ,
जंगलों में लगे आग से उठने वाले धुएं से कई क्षेत्रों में धुंध फैली हुई है. वनों के जलने का सिलसिला बदस्तूर जारी है. हल्द्वानी नैनीताल हाईवे में दो गांव के पास पहाड़ों पर भीषण आग हल्द्वानी के टांडा रेंज के जंगलों में भी भीषण आग हालात ऐसे की जहाँ भी नजर जाए आग ही आग ऊखीमठ के नजदीकी जंगलों में लगी आग आबादी वाले क्षेत्रों तक पहुंच गई। इस बीच स्थानीय ग्रामीणों ने मिलकर आग को बुझाया और आबादी तक पहुंचने से पहले ही आग को रोक दिया। स्थानीय निवासी पवन राणा ने बताया कि जंगल में लगी आग जब आबादी वाले क्षेत्रों तक आने लगी तो ग्रामीणों ने मिलकर आग को बुझाया। ग्रामीण बता रहें है कि घाटी के जंगल पिछले कई महीनों से आग की चपेट में हैं, लेकिन वन विभाग आग को नहीं बुझा पा रहा है।
सरकार में वन मंत्री हरक रावत ने कहा कि अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं की वह भी अपनी चौकसी बढ़ाएं अगर कहीं पर भी आग लगती है तो उस पर पहले ही कंट्रोल कर लिया जाए ताकि वह आग और संपदा को नुकसान ना पहुंचाएं।हालांकि यह कोई पहला मामला नहीं है कि पहाड़ो पर आग भयावह हो रही है लेकिन इस बार आग जिस तरीके से लगातार बढ़ रही है तो आने वाले समय में बड़ा ख़तरा है पर्यावरण विशेषज्ञ इस बात को लेकर परेशान है।