उत्तराखंड में त्रिवेंद्र सरकार ने कोरोना संक्रमण के लिए बनाए गए नियमों में एक के बाद एक बदलाव कर रही है। राज्य सरकार ने अनलॉक 4 के तहत जारी गाइडलाइन में कुछ संशोधित किया है। जिसमे कई कैटेगरी बनाई गई है और इस कैटेगरी के मुताबिक ही प्रदेश में आने वाले लोगों के लिए नियम तय किए गए हैं।
नए नियमों में:-
1:-बाहर के पर्यटक उत्तराखंड आना चाहते हैं तो उन्हें उत्तराखंड में दो रातों के लिए होटल में स्टे का पंजीकरण कराना जरूरी होगा साथ ही उन्हें 96 घंटे के भीतर वाली कोरोना जांच की नेगेटिव रिपोर्ट भी दिखानी होगी। रिपोर्ट न होने पर सीमा में ही उनकी कोविड जांच की जाएगी, इसके लिए पर्यटक को जांच की फीस देनी होगी।
यदि प्रदेश से बाहर से आने वाले व्यक्ति के पास 96 घंटे के अंतराल वाली कोविड-19 की नेगेटिव रिपोर्ट है तो उसे राज्य में क्वारंटाइन के लिए पूरी तरह से छूट दी गई है।
2:-अब प्रदेश में 7 दिनों से कम अवधि के लिए आने वाले लोगों को होम क्वॉरेंटाइन की जरूरत नहीं है और लोगों को सीमा पर थर्मल स्क्रीनिंग और पंजीकरण के अलावा कोई औपचारिकता नही निभानी होगी।
3:-उत्तराखंड में आने वाले लोगों की अब बॉर्डर पर महज थर्मल स्क्रीनिंग की जाएगी। व्यक्ति में कोरोना के लक्षण बुखार आदि मिलने की सूरत में जिला प्रशासन की तरफ से जांच करवाई जाएगी। हालांकि नए नियम में बनाई गई कैटेगरी के तहत एक निश्चित समय सीमा तय की गई है लेकिन प्रदेश में दाखिल होने वाले प्रत्येक व्यक्ति को रजिस्ट्रेशन करवाना जरूरी होगा।
4:- उत्तराखंड के अधिकारी कर्मचारियों के लिए दूसरे प्रदेश में जाने के बाद लौटने पर भी नियम तय किया गया है, इनके 5 दिन से ज्यादा दिनों में लौटने के बाद कोरोना जांच करानी जरूरी होगी, साथ ही 10 दिन क्वारंटाइन होना जरूरी होगा। 5 दिन से कम की यात्रा के चलते होम क्वारंटाइन होने की जरूरत नही होगी।
प्रदेश में वीआईपी और उनके स्टाफ को जांच और क्वारंटाइन इन दोनों में ही पूरी तरह से छोड़ दी गई है।
5:-उत्तराखंड में प्रदेश से बाहर से आने वाले व्यक्ति यदि अपने किसी बिजनेस, परीक्षा या उद्योग के संबंध में 7 दिनों से कम अवधि के लिए आ रहे हैं तो उन्हें क्वॉरेंटाइन नहीं रहना होगा। इस दौरान ऐसे लोगों को अपने स्टे की जानकारी देनी होगी। यदि यह व्यक्ति 7 दिनों से ज्यादा के लिए प्रदेश में आ रहे हैं तो इन्हें 10 दिनों के लिए क्वॉरेंटाइन होना जरूरी होगा। खास बात यह है कि उत्तराखंड के भीतर एक जिले से दूसरे जिले में जाने के लिए भी अब लोगों को अपना पंजीकरण कराना जरूरी होगा हालांकि इस दौरान कोविड टेस्ट या होम क्वारंटाइन की जरूरत नहीं है।