सचिव आपदा प्रबंधन डॉ. सिन्हा ने धौलीगंगा बांध परियोजना के प्रतिनिधियों से धारचूला में 360 डिग्री का पांच किलोमीटर तक की रेंज वाला साइरन लगाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि धारचूला मुख्य केंद्र है और यहां रहने वाले लोगों की सुरक्षा बहुत जरूरी है। बता दें कि वर्तमान में बांध प्रबंधन द्वारा फोन पर नदी का जल स्तर बढ़ने की सूचना दी जाती है। जो सायरन धौलीगंगा बांध परियोजना ने लगाया है वह धारचूला से काफी दूर है और उसकी आवाज शहर तक नहीं पहुंचती।
टिहरी डैम की जल भंडारण क्षमता घटी
देहरादून। बैठक में टीएचडीसी के एजीएम एके सिंह ने बताया कि गाद जमा होने के कारण टिहरी बांध की जल भंडारण क्षमता 115 मिलियन घन मीटर तक घट गई है। पहले यह 2615 मिलियन घन मीटर थी और वर्तमान में यह 2500 मिलियन घन मीटर पर आ गई है।यूपी इरीगेशन को कारण बताओ नोटिस होगा जारी
बैठक में सचिव आपदा प्रबंधन डॉ. सिन्हा ने उत्तरप्रदेश इरिगेशन विभाग के रवैये पर कड़ी नाराजगी जताई। उत्तराखंड में यूपी इरीगेशन के नियंत्रणाधीन बांध और बैराजों में अर्ली वार्निंग सिस्टम नहीं लगाने पर सचिव आपदा प्रबंधन ने कारण बताओ नोटिस जारी करने के निर्देश दिए।ग्लेशियरों का भी होगा सर्वे
सचिव आपदा प्रबंधन डॉ. सिन्हा ने कहा कि जलवायु परिवर्तन के कारण हिमालयी ग्लेशियरों के लिए भी खतरा उत्पन्न हो गया है, इसलिए इनका अध्ययन भी जरूरी है। उन्होंने बताया कि ग्लेशियर झीलों के अध्ययन के लिए जल्द एक दल जा रहा है। ग्लेशियरों के अध्ययन के लिए भी एक दल जल्द भेजा जाएगा।यूएसडीएमए देगा सेटेलाइट फोन
यूजेवीएनएल के अधिशासी निदेशक पंकज कुलश्रेष्ठ ने बताया कि उन्होंने सेटेलाइट फोन भी खरीद लिए हैं। आपदा के समय यदि संचार व्यवस्था ठप हो जाए तो इनसे संवाद करने में बड़ी मदद मिलेगी। सचिव आपदा प्रबंधन डॉ. रंजीत कुमार सिन्हा ने कहा कि यदि और सेटेलाइट फोन की जरूरत हो तो यूएसडीएमए से ले सकते हैं। उन्होंने बांधों के पास उपलब्ध सेटेलाइट फोन के नंबर भी यूएसडीएमए के कंट्रोल रूम से साझा करने को कहा।नदी किनारे डेंजर प्वाइंट चिन्हित होने जरूरी
बैठक में सचिव डॉ. सिन्हा ने कहा कि नदी के किनारे डेंजर प्वाइंट चिन्हित किए जाने जरूरी हैं ताकि अचानक जलस्तर बढ़ने पर नदी में जाने वाले लोगों की सुरक्षा को खतरा न हो और लोग वहां जाने से बचेंविष्णुप्रयाग बांध परियोजना की एसओपी उपलब्ध कराएं
सचिव आपदा प्रबंधन डॉ. सिन्हा ने जेपी ग्रुप की विष्णुप्रयाग बांध परियोजना के प्रतिनिधियों को सख्त हिदायत दी कि वे जल्द से जल्द अपनी एसओपी, इमरजेंसी एक्शन प्लान और शैडो कंट्रोल यूएसडीएमए के राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के साथ साझा करने को कहा। यूएसडीएमए की मौसम विशेषज्ञ डॉ. पूजा राणा ने बताया कि शैडो कंट्रोल में बांध के साथ-साथ यूएसडीएमए के कंट्रोल रूम से भी संचालन किया जा सकता है।