भारत सरकार के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने हरिद्वार कुंभ के लिए एसओपी यानी कि स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर्स जारी कर दिया है. इसमें कोविड-19 के प्रसार को रोकने के लिए कई निर्देश दिए गए हैं, जिनमें सबसे महत्वपूर्ण यह है कि कुंभ में आने वाले हर व्यक्ति को आरटी-पीसीआर टेस्ट की नेगेटिव रिपोर्ट लानी होगी. इस एसओपी में अनुमान लगाया गया है कि 27 फ़रवरी से 30 अप्रैल तक चलने वाले कुंभ में सामान्य दिनों में 10 लाख लोग रोज़ और पर्व पर स्नान के लिए 50 लाख लोग एक दिन में आएंगे.
हरिद्वार कुंभ में 6 पर्व पड़ रहे हैं जिनमें श्रद्धालुओं के उमड़ने की संभावना है…
27 फरवरी, 2021- माघ पूर्णिमा
11 मार्च, 2021- महाशिवरात्रि
12 मार्च, 2021- सोमवती अमावस्या
14 अप्रैल, 2021- बैसाखी
21 अप्रैल, 2021- राम नवमी
27 अप्रैल, 2021- चैत्र पूर्णिमा
एसओपी में कहा गया है कि बड़ी संख्या में लोगों के एकत्रित होने वाले ऐसे अवसर वायरस को फैलने का मौका देते हैं और कोविड-19 को काबू में रखने में देश को जो भी सफलता मिली है उसे बेकार कर सकते हैं. कोविड-19 का प्रसार रोकने की ज़िम्मेदारी मुख्यतः उत्तराखंड सरकार की होगी. अगर ज़रूरत पड़ी तो केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय सरकार को सलाह, ट्रेनिंग, रिस्क असेसमेंट, सर्विलांस, पब्लिक हेल्थ रिस्पॉंस के रूप में मदद करेगा. राज्य सरकार ज़मीनी परिस्थितियों आकलन के आधार पर अतिरिक्त नियम और शर्तें लागू कर सकती है.
1. उत्तराखंड सरकार को यह सुनिश्चित करना होगा कि कुंभ मेले में तैनात किए जाने वाले स्वास्थ्यकर्मियों और अन्य फ्रंटलाइन वर्कर्स को प्राथमिकता के आधार पर वैक्सीन दी जाए. कुंभ मेले की ड्यूटी में सिर्फ़ वैक्सीनेटेड स्वास्थ्यकर्मियों और फ़्रंटलाइन वर्कर्स को ही तैनात किया जाएगा.
2. उत्तराखंड सरकार अमरनाथ यात्रा की तर्ज पर कुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं के रजिस्ट्रेशन और अनिवार्य मेडिकल सर्टिफ़िकेशन के नियमों का पालन करेगी. कुंभ आने वाले सभी श्रद्धालुओं को…
ए. उत्तराखंड सरकार के पास रजिस्ट्रेशन करवाना होगा
बी. अपने राज्य में नज़दीकी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र/ ज़िला अस्पताल/ मेडिकल कॉलेज से मेडिकल सर्टिफ़िकेट अनिवार्य रूप से लेना होगा.
3. उत्तराखंड सरकार को इस सबके बारे में पहले से ही सभी राज्यों को विस्तार से बताना होगा. यह स्पष्ट करना होगा कि अतिसंवेदननशील आबादी (65 साल से अधिक उम्र वाले, गर्भवती महिलाएं, 10 साल से छोटे बच्चे, जिन्हें गंभीर बीमारियां हैं- जैसे कि डायबिटीज़, उच्च रक्तचाप, हृदयरोग, फेफड़ों की पुरानी बीमारी, गुर्दे की पुरानी बीमारी, cerebro-vascular बीमारी, कैंसर और immune-suppression हो) को कुंभ मेले में आने के लिए हतोत्साहित करना चाहिए.
4. अगर कोई श्रद्धालु ऊपर बताए गए स्वास्थ्य केंद्रों से अनिवार्य मेडिकल सर्टिफ़िकेट नहीं ला पाता है तो उसे कुंभ में शामिल होने की अनुमति नहीं दी जाए.
5. राज्य सरकार के ऐसे कर्मचारी को गंभीर खतरे की ज़द में हैं, जैसे कि- (65 साल से अधिक उम्र वाले, गर्भवती महिलाएं, 10 साल से छोटे बच्चे, जिन्हें गंभीर बीमारियां हैं- उन्हें लेकर अतिरिक्त सतर्कता बरतनी होगी. उन्हें ऐसे किसी भी फ्रंट-लाइन काम में नहीं लगाना चाहिए जिसमें सीधे लोगों से संपर्क हो.
उचित कोविड व्यवहार को प्रोत्साहित करना
कोविड-19 के खतरे को कम करने के लिए सामान्य सार्वजनिक स्वास्थ्य के उपायों का पालन करना होगा. सभी को हर समय इन उपायों को ध्यान रखना होगा. ये उपाय निम्नवत हैं:
1. जहां तक संभव हो सके सार्वजनिक स्थलों पर लोगो को कम से कम 6 फ़ीट की दूरी बनाए रखनी होगी.
2. फ़ेस कवर/मास्क अनिवार्य होंगे. सरकार के निर्धारित दाम पर प्रवेश स्थलों और पार्किंग लॉट्स में मास्क डिस्पेंसिंग कियोस्क लगाने होंगे. जो लोग मास्क खरीदने में सक्षम न हों उनके लिए मुफ़्त में मास्क बांटने के प्रावधान किए जाने चाहिएं.
3. एंफ़ोर्समेंट एजेंसीज़ को ऐसे लोगों पर जुर्माना लगाना होगाल जो फ़ेस मास्क या कवर पहनने, शारीरिक दूरी बनाए रखने के नियमों का पालन नहीं कर रहे.
4. जब हाथ गंदे न दिख रहे हों तब भी साबुन से हाथ धोए (कम से कम 40-60 सेकेंड्स) जाने चाहिएं. जहां तक संभव हो अल्कोहल बेस्ट हैंड सैनिटाइज़र्स का इस्तेमाल किया जाना चाहिए (कम से कम 20 सेकेंड्स).
5. पब्लिक यूटिलिटी एरिया में हाथ धोने के स्टेशन्स बनाने अनिवार्य होंगे, जिनमें पानी और साबुन की उपलब्धता सुनिश्चित करनी होगी. पैर से चलने वाले नल और कॉन्टेक्टलेस सोप डिस्पेंसर रखने भी अनिवार्य होंगे.
6. श्वास संबंधी शिष्टाचार का पालन अनिवार्य होगा. इसका अर्थ यह हुआ कि खांसते/छींकते समय मुंह और नाक को टिश्यू/ रुमाल से ढकने या कोहनी मोड़कर मुंह-नाक को ढकने के नियम का सख्ती से पालन करवाया जाएगा. इस्तेमाल किए गए टिश्यू को उचित स्थान पर फेंका जाएगा.
7. सभी को अपने स्वास्थ्य का खुद ध्यान रखना होगा और किसी भी तरह की बीमारी होने पर जल्द से जल्द राज्य और ज़िले की हेल्पलाइन को सूचना देनी होगी.
8. थूकने पर सख्ती से प्रतिबंध लगाया जाएगा.
9. सभी को आरोग्य सेतु ऐप को इंस्टॉल करने और उसका इस्तेमाल करने की सलाह भी दी जाएगी.
आरटी-पीसीआर नेगेटिव टेस्ट रिपोर्ट अनिवार्य
उत्तराखंड सरकार को सभी राज्य सरकारों को यह बताना होगा और इसका भरपूर प्रचार करना होगा कि सभी श्रद्धालुओं के लिए आरटी-पीसीआर टेस्ट नेगेटिव रिपोर्ट (यात्रा के दिन से 72 घंटे पहले हुए टेस्ट की) लानी अनिवार्य होगी, वरना उन्हें कुंभ मेला क्षेत्र में प्रवेश नहीं करने दिया जाएगा.
श्रद्धालु ऐसी टेस्ट रिपोर्ट की हार्ड कॉपी या अपने मोबाइल फ़ोन में भी रख सकते हैं.
इस एसओपी में कुंभ मेले के दौरान विशिष्ट प्रशासनिक उपायों के लिए भी निर्देश दिए गए हैं. कुंभ मेले में कोविड-19 के प्रसार को रोकने के लिए विशिष्ट तकनीकी ज़रूरतों के बारे में भी निर्देश दिए गए हैं.
इसके अलावा विदेश से आने वाले यात्रियों के लिए निर्देश हैं कि वह स्वरास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय की वेबसाइट (https://www.mohfw.gov.in/) पर विदेशी यात्रियों के लिए दिए गए निर्देशों को पढ़ लें.