राजपथ की परेड में उत्तराखंड की झांकी ‘केदारखंड’ बढ़ाएगी शोभा,

राजपथ की परेड में इस बार उत्तराखंड राज्य की झांकी का अंतिम रूप से चयन हो गया है भारत सरकार द्वारा इस बारे में 4 जनवरी को आयोजित अंतिम बैठक के बाद 5 जनवरी को आदेश जारी कर दिया गया है उत्तराखंड सूचना विभाग के महानिदेशक डॉ मेहरबान सिंह बिष्ट ने बताया कि रक्षा मंत्रालय भारत सरकार में 6 बार की बैठक के पश्चात उत्तराखंड राज्य की झांकी को गणतंत्र दिवस परेड में जगह मिली है महानिदेशक मेहरबान सिंह बिष्ट ने बताया कि इससे पहले भी उत्तराखंड राज्य की 2003 में फूल दे 2005 में नंदा राजजात 2006 में फूलों की घाटी 2007 में कॉर्बेट नेशनल पार्क 2009 में साहसिक पर्यटन 2010 में कुंभ मेला हरिद्वार 2014 में जड़ी बूटी 2015 में केदारनाथ 2016 में रम्माण, दो हजार अट्ठारह में ग्रामीण पर्यटन और 2019 में अनाशक्ति आश्रम विषय पर आधारित झांकियों का सफल प्रदर्शन दिल्ली राजपथ पर किया जा चुका है

महानिदेशक सूचना ने बताया कि इस साल राज्य की ओर से प्रदर्शित की जाने वाली झांकी का विषय केदारखंड रखा गया है झांकी के आगे वाले भाग में राज्य पशु कस्तूरी मृग, राज्य पक्षी मोनाल और राज्य पुष्प ब्रह्म कमल तथा पिछले वाले भाग में केदारनाथ मंदिर परिसर और श्रद्धालुओं को दर्शाया गया है

इसके साथ ही झांकी के चयन के लिए रक्षा मंत्रालय भारत सरकार में आयोजित छह स्तर की बैठक में विभाग के उप निदेशक केएस चौहान द्वारा झांकी के 3 डिजाइन मॉडल और संगीत आदि का सफल प्रस्तुतीकरण किया गया जिसके फलस्वरूप राज्य की झांकी को गणतंत्र दिवस परेड 2021 में अंतिम रूप में चयन किया गया है झांकी के डिजाइन के चयन की एक बहुत जटिल प्रक्रिया होती है इस वर्ष प्रारंभ में 32 राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों ने प्रतिभाग किया था जिससे अंतिम रूप में केवल 17 राज्यों का चयन किया गया है


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