केंद्र से उत्तराखंड में स्वास्थ्य सेवाओं के लिए 700 करोड़ की मंजूरी ,पिछले साल की तुलना में 200 करोड़ ज्यादा बजट मिला

उत्तराखंड में स्वास्थ्य सेवाओं के विकास एवं विस्तार के लिए भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के माध्यम से लगभग 700 करोड़ की धनराशि का अनुमोदन किया गया है यह धनराशि गत वर्ष की तुलना में लगभग 200 करोड अधिक है । जिसके अंतर्गत तकनीकी मानव संसाधन की कमी को दूर किए जाने को प्राथमिकता प्रदान की गई है पिछले दिनों भारत सरकार के साथ राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अधिकारियों की बैठक हुई थी इस बैठक में कई निर्णय लिए गए जिसकी जानकारी स्वास्थ्य सचिव अमित नेगी ने बताया कि आने वाले वित्तीय वर्ष 2021 22 में 400 ए एन एम, 150 स्टाफ नर्स, 500 कम्युनिटी हेल्थ ऑफीसर, 13 डिस्ट्रिक्ट कोऑर्डिनेटर, 21 सुपरवाइजर( टीबी उन्मूलन योजना के अंतर्गत) तुम्हारा रखे जाएंगे। इसके अतिरिक्त पौड़ी जिले में पांच चमोली जिले में 2 डिग्री और उत्तरकाशी में एक-एक आरबीएस के टीम नियुक्त की जाएगी

स्वास्थ्य सचिव ने भारत सरकार द्वारा दी गई स्वीकृति ओं की विस्तार पूर्वक जानकारी देते हुए बताया कि राज्य सरकार द्वारा प्रस्तावित सभी महत्वपूर्ण गतिविधियों के लिए पर्याप्त धनराशि उपलब्ध की गई है
:-मातृत्व स्वास्थ्य की देखभाल के लिए 54 डिलीवरी प्वाइंट्स एवं 09 एफ आर यू को सुदृढ़ किया जाएगा एवं 5 नई एफ आर यू उत्तरकाशी, हरिद्वार, पौड़ी ,उधम सिंह नगर और टिहरी जिलों के लिए स्वीकृत की गई है
:-समुदाय स्तर पर होने वाली मातृ मृत्यु की सूचना देने वाले प्रथम व्यक्ति को ₹1000 की प्रोत्साहन राशि दी जाएगी
:प्रसव उपरांत जच्चा बच्चा को घर तक छोड़ने के लिए 94 खुशियों की सवारी को विभिन्न अस्पतालों पर उपलब्ध किया जाएगा जिसके लिए लगभग ₹10 करोड़ स्वीकृत किए गए हैं । 108 आपातकालीन एंबुलेंस सेवाओं के संचालन के लिए लगभग 41 करोड़ तथा 17 मोबाइल मेडिकल यूनिट संचालित करने के लिए 4.18 करोड़ अनुमोदित किए गए हैं
:-वरिष्ठ नागरिकों की स्वास्थ्य देखभाल के लिए राज्य के 28 सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर फिजियोथैरेपी की सेवाओं को सुदृढ़ किया जायेगा तथा इन चिकित्सा इकाईयों पर फिजियोथेरेपिस्ट नियुक्त किए जायेगें।
;-मानसिक स्वास्थ्य की देखभाल से संबंधित सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए आत्महत्या जैसी प्रवृत्तियों को रोकने के लिए बचाव संबंधित गतिविधियां किए जाने का अनुमोदन प्राप्त हुआ है।
:-प्रधानमंत्री राष्ट्रीय डायलिसिस कार्यक्रम के अन्तर्गत बागेश्वर चमोली, चम्पावत टिहरी एवं उत्तरकाशी के गुर्दा रोग से पीड़ित मरीजों को अब डायलिसिस की सेवाएं जिला अस्पताल पर उपलब्ध हो पायेंगी। प्रत्येक जनपद की डायलिसिस यूनिट में 03 मशीनें उपलब्ध रहेंगी।

:-नवजात शिशुओं की देखभाल के लिए वित्तीय वर्ष 2021-22 में महिला चिकित्सालय पिथौरागढ़ में सिक न्यू बॉर्न केयर यूनिट (SNCU) की स्वीकृति दी गयी है तथा चिकित्सालयों पर इस सेवा को सुदृढ़ करने के लिए 64 स्टॉफ नर्सों की भर्ती की जायेगी।

:-शहरी स्वास्थ्य मिशन को भी भारत सरकार द्वारा प्राथमिकता प्रदान की गयी है तथा राज्य के 05 जनपदों क्रमशः देहरादून, हरिद्वार, नैनीताल, पौड़ी गढ़वाल व ऊधमसिंहनगर में 38 शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों के संचालन की स्वीकृति प्रदान की गयी है। इन केन्द्रों पर हैल्थ एण्ड वैलनेस सेन्टरों पर दी जाने वाली सेवाएं भी उपलब्ध रहेंगी तथा 11 इकाईयां सरकार द्वारा एवं 27 इकाईयां लोक निजी सहभागिता के अन्तर्गत संचालित होंगी । इस वर्ष सरकारी क्षेत्र में संचालित होने वाली 02 शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों को कायाकल्प अवार्ड हेतु भी नामित किया जायेगा।

:- निशुल्क जांच सेवा के लिए र 5 करोड़ का बजट स्वीकृत हुआ है, जिसके अन्तर्गत गढवाल एवं कुमायूं मण्डल में निजी लैब को आउटसोर्स के माध्यम से विभिन्न प्रकार की जांचों के लिए अनुबंधित किया जायेगा।

:- राज्य में रक्तकोषों के सुदृढीकरण के लिए ₹ 528 करोड़ की धनराशि स्वीकृत की गयी है।

:– टीकाकरण कार्यक्रम के सुदृढीकरण के लिए १ 1758 करोड़ की धनराशि का अनुमोदन दिया गया है।

:-भारत सरकार द्वारा वायरल हेपेटाईटिस पर नियंत्रण, बचाव एवं उपचार के लिए दवाईयों के साथ-साथ रेपिड जांच किट तथा प्रयोगशाला संबंधित सामग्री के लिए लगभग 2 करोड़ का अनुमोदन दिया गया है। टी0वी0 उन्मूलन कार्यक्रम के लिए लगभग 14 करोड़ की धनराशि मरीजों के उपचार एवं प्रबंधन हेतु स्वीकृत की गयी है। इसके अन्तर्गत लोक निजी सहभागिता के माध्यम से निजी क्षेत्र में टीoवी० मरीजों के
:–उपचार पर होने वाले व्यय का वहन भी किया जायेगा।

:-डेंगू, मलेरिया से बचाव हेतु एंटीजन किट क्रय करने और अस्पतालों के स्तर पर निरन्तर रोग निगरानी हेतु भारत सरकार द्वारा बजट की व्यवस्था की गयी है।

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