उत्तराखंड शिक्षा विभाग से बड़ी खबर है। शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय ने विद्यालय प्राधिकरण बनाने की जो बात कही थी,उसी के तहत राज्य विद्यालय मानक प्राधिकरण का गठन किया गया। जिसको लेकर अपर सचिव शिक्षा दीप्ति सिंह के द्वारा आदेश भी जारी कर दिए गए हैं। आदेश के तहत विद्यालय शिक्षा के गुणवत्ता संवर्धन एवं आवश्यक मानकों को स्थापित करने के उद्देश्य से राज्य में स्थापित राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद को राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में दिए गए निर्देशानुसार राज्य विद्यालय मानक प्राधिकरण के रूप में कार्य किए जाने हेतु नामित किया जाता है। राज्य विद्यालय मानक प्राधिकरण के रूप में यह संस्था शिक्षा संबंधी कतिपय आधारभूत आवश्यकताओं यथा बच्चों की सुरक्षा व बचाव आधारभूत ढांचा कक्षा विषयों के आधार पर शिक्षकों की संख्या वित्तीय ईमानदारी और उपयुक्त प्रक्रिया आदि पर न्यूनतम मानकों की स्थापना करेगा। कुल मिलाकर विद्यालय मानक प्राधिकरण बनाए जाने के पीछे प्राइवेट स्कूलों पर जहां अभिभावकों की शिकायतों के बाद लगाम लगाना है वही प्राइमरी स्कूलों में पढ़ाने वाले शिक्षकों को उचित वेतनमान भी दिया जाना है ऐसे में देखना यह होगा कि आखिर चुनावी साल में जो आदेश जारी किया गया है और जिस प्राधिकरण को अभिभावकों के हित के लिए माना गया है क्या वह वास्तव में लागू भी होगा और उससे अभिभावकों को राहत भी मिलेगी।