उत्तराखंड में देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड को लेकर पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने बयान देते हुए कहा है कि फिलहाल बोर्ड को वापस लिए जाने का कोई पुनर्विचार नहीं किया जा रहा है पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि लोगों में गलतफहमी है कि सरकार ने 51 मंदिर अपने अधीन कर लिया है लेकिन सिर्फ चार ही मंदिर महत्वपूर्ण है बाकी इनके अधीन छोटे-छोटे मंदिर आते हैं सतपाल महाराज ने कहा कि लोग यह ना समझे कि सरकार ने बहुत सारे मंदिरों को अपने अधीन ले लिया है ।दरअसल पूर्व त्रिवेंद्र रावत सरकार ने अपने कार्यकाल में चारों धाम जिसमें यमुनोत्री गंगोत्री बद्रीनाथ केदारनाथ समेत 51 मंदिरों को लेकर उत्तराखंड देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड का गठन किया था जिसका विरोध सदन से लेकर सड़क तक स्थानीय लोगों समेत तीर्थ पुरोहित पंडा समाज के लोगों ने किया था इस मामले को लेकर अभी भी कोर्ट में मामला चल रहा है हालांकि राज्य सरकार ने देवस्थानम बोर्ड को विधानसभा से कानून बनाकर लागू कर दिया है पर अभी भी मामला कोर्ट में चल रहा है वही लगातार तीर्थ पुरोहित समाज की मांग है कि है देवस्थानम बोर्ड को तत्काल भांग कर दिया जाए ऐसे में प्रदेश के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने हरिद्वार में बयान दिया था कि देवस्थानम बोर्ड पर राज्य सरकार पुनर्विचार करेगी लेकिन अब पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज का बयान सामने आया है जिसमें उन्होंने कहा है कि बोर्ड पर पुनर्विचार नहीं किया जा रहा
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