ईज ऑफ डूईंग बिजनेस रैंकिंग में उत्तराखंड 11 स्थान पर पंहुचा …

ईज ऑफ डूईंग बिजनेस रैंकिंग में उत्तराखंड 11 स्थान पर पहुंच गया है उत्तराखंड इससे पहले 2015 में 23 में स्थान पर था …लगातार उत्तराखंड में औद्योगिक विकास हो इसके लिए प्रदेश की त्रिवेंद्र रावत सरकार लगातार इस क्षेत्र में काम कर रही है और कई ऐसी नीतियां ला रही है जिससे बाहर की कंपनियां प्रदेश में अपना बिजनेस स्थापित कर सके ,

उत्तराखंड की त्रिवेंद्र रावत सरकार ने ईज ऑफ डूईंग बिजनेस के अंतर्गत कंपनियों का प्रदेश में निवेश हो सके इसके लिए इन्वेस्टर मीट का आयोजन किया था इसके साथ ही प्रदेश में अनुकूल परिस्थितियां तैयार करना बेहतर कानून व्यवस्था अनुशासित वर्कर एवं उत्पादक , और सबसे महत्वपूर्ण प्रदेश में बिजनेस साबित हो सके इसके लिए कई बेहतरीन नीतियां बनाना भी शामिल था हो ….जिसका परिणाम है कि उत्तराखंड 11 स्थान पर पहुंच गया है

दरअसल केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को नई दिल्ली से वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से स्टेट बिजनेस रिफार्म एक्शन प्लान 2019 के चौथे एडिशन के तहत ईज आफ डूईंग बिजनेस के क्षेत्र में राज्यों एवं केन्द्र शासित प्रदेशों की रेकिंग जारी की। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से इसमें शामिल हुए। ईज ऑफ डूईंग बिजनेस के अंतर्गत राज्यों द्वारा किये जा रहे रिफॉर्म, केन्द्र सरकार तथा राज्य सरकारों के बीच सकारात्मक साझेदारी की अनूठी मिसाल है।

सीएम ने कहा कि उत्तराखण्ड ने आरंभ से ही ईज ऑफ डूईंग बिजनेस के क्षेत्र में लगातार सक्रियता से कार्य किया है। उत्तराखण्ड राज्य राष्ट्रीय स्तर पर उपलब्धि प्राप्त करने वाले राज्यों की श्रेणी में सम्मिलित हो इसके लिये प्रभावी प्रयास किये जायेंगे। यद्यपि ईज ऑफ डूईंग बिजनेस के अंतर्गत निवेश से सम्बन्धित आवश्यक क्षेत्रों को सम्मिलित किया गया है। बावजूद इसके इसमें स्वच्छ पर्यावरण एवं जलवायु, बेहतर कानून व्यवस्था, अनुशासित वर्कर्स एवं उत्पादकता तथा श्रमिक विवादों की अनुपस्थिति आदि हमारे राज्य के सकारात्मक क्षेत्र है। ये परिस्थितियां निवेश के अनुकूल वातावरण तैयार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में उद्यौगों के अनुकूल माहोल तैयार करने के साथ ही प्रधानमंत्री जी द्वारा आत्म निर्भर भारत के लिए की गई पहल को साकार करने की दिशा में राज्य सरकार द्वारा कारगर प्रयास किये जा रहे है, स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने के साथ ही एक जनपद एक उत्पाद की दिशा में भी योजना बनायी जा रही है।

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