शिक्षा विभाग में हो रहा नियमों का उल्लंघन ,अतिथि शिक्षक पर भारी विभाग की लापरवाही,

 

देहरादून। शिक्षा विभाग में कुछ अधिकारी खेल करने में इतने माहिर हैं कि अपनों को लाभ पहुँचाने के लिए बेखौफ नियम कानूनों की धज्जियाँ उड़ा देते हैं। ऐसा ही कुछ देहरादून में अतिथि शिक्षिका भारती बहुगुणा के समायोजन में हुआ। भारती बहुगुणा का चयन अतिथि शिक्षक रसायन विज्ञान पद हेतु श्रेष्ठता सूची में प्रथम स्थान पर हुआ।

वह राजकीय इण्टर काॅलेज मियाँवाला में कार्यरत थी किन्तु नवंबर माह 2020 में प्रवक्ता पद पर पदोन्नति के अन्तर्गत रसायन विज्ञान पद पर पदस्थापना होने के कारण उनको राजकीय इण्टर कालेज मियाँवाला से कार्यमुक्त कर दिया गया। नियमानुसार भारती बहुगुणा को मेरिट एवं विकल्प के अनुसार अन्यत्र विद्यालय में समायोजित किया जाना था।किन्तु मुख्य शिक्षा अधिकारी कार्यालय से निर्गत प्रभावित अतिथि शिक्षों के समायोजन संबंधी सूची में भारती बहुगुणा को जानबूझ कर छोड़ दिया गया तथा भारती बहुगुणा से मेरिट में कम स्थान प्राप्त किसी दुसरे अतिथि शिक्षिका रश्मि उनियाल  को रा0इ0का0 नथुआवाला देहरादून समायोजित कर दिया गया।

भारती बहुगुणा द्वारा प्रत्यावेदन देने पर भी जब मुख्य शिक्षा अधिकारी देहरादून द्वारा प्रकरण का निस्तारण नहीं किया गया तो उन्होंने निदेशक, माध्यमिक शिक्षा उत्तराखण्ड को प्रत्यावेदन देकर रा०बा०इ०का० कारगी देहरादून में प्रवक्ता रसायन विज्ञान के रिक्त पद पर समायोजन हेतु अनुरोध किया।

उधर रा0इ०का० नथुआवाला देहरादून मेें प्रवक्ता रसायन विज्ञान पर पहले से ही किसी अन्य प्रवक्ता के संबद्ध होने के कारण रश्मि उनियाल को कार्यभार ग्रहण नहीं करने दिया गया। ऐसे में मुख्य शिक्षा अधिकारी द्वारा भारती बहुगुणा के प्रत्यावेदन को जानबूझ कर दबाकर केवल रश्मि उनियाल के ही प्रकरण को मण्डल स्तर पर भेज कर सुनियोजित रुप से रा०बा०इ०का० कारगी देहरादून में समायोजित किया गया।

यही नही किसी को  लाभ पहुँचाने के लिए मुख्य शिक्षा अधिकारी द्वारा निदेशक माध्यमिक शिक्षा के निर्देशों की भी अनदेखी की गयी, मामला अब महानिदेशक विधालयी शिक्षा के कार्यालय में जाँच हेतु पहुँच चुका है। किन्तु शिक्षा विभाग के अधिकारियों का ऐसा दुस्साहस और नियम कानूनों को ठेंगा दिखाना सरकार के लिए शुभ संकेत नहीं है

दिसंबर माह के अंत में मुख्य शिक्षा अधिकारी कार्यालय को सूचना दी , उन्होंने संज्ञान नहीं लिया। जनवरी माह में शिक्षा विभाग की शिकायत निवारण प्रकोष्ठ से भी संपर्क किया गया उनके द्वारा भी मुख्य शिक्षा अधिकारी महोदय को इस मामले में संज्ञान लेने को कहा गया। फरवरी माह मे निदेशक महोदय को सूचना दी, उन्होंने मुख्य शिक्षा अधिकारी को संज्ञान लेने को कहा फिर भी उनके द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की गई।10 मार्च को महानिदेशक कार्यालय को इसकी सूचना दी गई।विभाग अगर इसी प्रकार से अनदेखी करता रहा तो यथाशीघ्र  मुख्यमंत्री महोदय से इस प्रकरण की जांच कर दोषी अधिकारियों को दंडित करने हेतु निवेदन किया जाएगा।


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