सल्ट उपचुनाव के लिए कांग्रेस ने चुनाव संचालन समिति का गठन किया

उत्तराखंड के सल्ट विधानसभा उपचुनाव के लिए उत्तराखंड कांग्रेस संगठन ने चुनाव संचालन समिति का गठन किया है इस चुनाव संचालन समिति में विधायक गोविंद सिंह कुंजवाल अध्यक्ष होंगे और उनके साथ ही 18 लोग इस समिति में है।
गोविंद सिंह कुंजवाल की अध्यक्षता में चुनाव संचालन समिति का गठन किया गया है समिति का काम सल्ट विधानसभा उपचुनाव में कांग्रेस पार्टी के प्रत्याशी की जीत कैसे हो उसको लेकर यह समिति पूरा कामकाज देखेगी और प्रचार का भी काम देखेगी।

कांग्रेस चुनाव संचालन समिति मैं पूर्व विधानसभा अध्यक्ष और जागेश्वर विधायक गोविंद सिंह कुंजवाल संचालन समिति के अध्यक्ष है इसके साथ ही राज्यसभा सांसद प्रदीप टम्टा उप नेता प्रतिपक्ष करन महरा , विधायक हरीश धामी पूर्व विधायक मयूर महर, पूर्व विधायक रंजीत रावत पूर्व विधायक मदन बिष्ट, पूर्व विधायक गणेश गोदियाल, पूर्व विधायक मनोज तिवाडी, पूर्व विधायक और प्रदेश अध्यक्ष महिला कांग्रेस सरिता आर्य ,पूर्व विधायक ललित फर्सवाण, धीरेंद्र प्रताप उपाध्यक्ष प्रदेश कांग्रेस कमेटी महामंत्री विजय सारस्वत उपाध्यक्ष ,हेमंत बगडवाल उपाध्यक्ष, अध्यक्ष जिला कांग्रेस कमेटी अल्मोड़ा पितांबर पांडेय, जिला अध्यक्ष कांग्रेस कमेटी रानीखेत महेश चंद्र आर्या, ब्लाक प्रमुख सल्ट विक्रम रावत इस चुनाव संचालन समिति के सदस्य है

इस उपचुनाव से कांग्रेस उत्तराखंड में 2022 की  सत्ता हासिल करने का रास्ता तैयार कर रही है ..कांग्रेस जानती है कि इस उप चुनाव के जीत के मायने क्या है यही वजह है कि कांग्रेस ने चुनाव संचालन समिति का गठन किया है …और इस समिति में कई ऐसे लोगों को जिम्मेदारी दी  जिनकी इस सीट या कुमाऊँ में बड़ी पकड़ है …सबसे बड़ी  बात इस सल्ट विधानसभा के पास जुडी  विधानसभा सीटों के पूर्व विधायक को  बड़ी जिम्मेदारी है ..यही बड़ा कारण है कि कांग्रेस कोई भी गलती नहीं  करना चाहती है …वहीं कांग्रेस इस चुनाव मैं भाजपा सरकार की 4 साल की जन विरोधी नीतियों को बड़ा मुद्दा बनाकर चुनाव में उतर रही है सबसे बड़ी बात यह है कि भाजपा ने राज्य में नेतृत्व परिवर्तन किया है कांग्रेस भी इसको बड़ा मुद्दा बना रही है इस चुनाव में और कांग्रेस जनता के सामने भाजपा से यह सवाल कर रही है कि आखिर भाजपा के शासन के 4 सालों में उत्तराखंड का कितना विकास हुआ अगर विकास हुआ है तो भाजपा ने मुख्यमंत्री को क्यों हटाया और उनकी जगह दूसरा मुख्यमंत्री किन वजहों से लाया गया है इन सवालों के बीच भाजपा को कहीं ना कहीं जनता के सामने इस सवाल का जवाब देना होगा कि आखिर क्या वजह थी कि 4 सालों तक त्रिवेंद्र रावत मुख्यमंत्री के तौर पर रहे और उनको बीजेपी ने सत्ता से बेदखल कर तीरथ सिंह रावत को उत्तराखंड की सौंपी है

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