महिला स्वयं सहायता समूहों के कौशल विकास पर विशेष ध्यान दिया जाएः सीएम तीरथ रावत

 

मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने महिला स्वयं सहायता समूहों के कौशल विकास पर विशेष ध्यान दिये जाने और कौशल विकास कार्यक्रम को आत्मनिर्भर भारत और वोकल फॉर लोकल से जोड़ने की जरूरत पर बल दिया है। मुख्यमंत्री  तीरथ सिंह रावत ने हरिद्वार कुम्भ मेले में स्किल इंडिया पैवेलियन – कौशल मेला के वर्चुअल उद्घाटन के अवसर पर कहा कि इस स्किल इंडिया पैवेलियन के द्वारा देश के युवाओं का कौशल विकास होगा और वे एक नए भारत के निर्माण में अपना योगदान देंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जिस प्रकार सम्पूर्ण विश्व में यह कुम्भ मेला भारत की आध्यात्मिक ताकत का बोध कराता है उसी प्रकार हम सभी का एकजुट प्रयास हो कि स्किल इंडिया पैवेलियन देश के युवाओं को आने वाले भविष्य के अनुरूप कौशल का निर्माण करने में एक दिशा दे और हम सभी भारत के गौरवशाली प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी  के एक भारत-श्रेष्ठ भारत के सपनों को साकार करने की दिशा में आगे बढ़ सकें। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस कुम्भ मेले में केंद्र सरकार से बहुत महत्वपूर्ण सहयोग मिला है। हमारे कुशल कार्यबल की ही लगन और मेहनत का फल है कि इस महाकुम्भ का आयोजन ऐसी कठिन परिस्थितियों में भी किया जा सका है।

मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत, कौशल विकास एवं उद्यमशीलता मंत्री, भारत सरकार डॉ. महेन्द्र नाथ पाण्डेय, केंद्रीय शिक्षा मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक, कौशल विकास एवं उद्यमिता राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार, भारत सरकार आर. के. सिंह, उत्तराखण्ड के कौशल विकास मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत एवं विधायक/भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक की वर्चुअल उपस्थिति में कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्रालय भारत सरकार द्वारा हरिद्वार में आयोजित कुंभ मेले में स्किल इंडिया पैवेलियन का डिजिटल लॉन्च कार्यक्रम आयोजित किया गया। मुख्यमंत्री तीरथ एवं केन्द्रीय कौशल विकास मंत्री डॉ. महेन्द्र नाथ पाण्डेय ने स्किल इंडिया के मेले में प्रतिभाग कर रहे युवाओं से बातचीत कर युवाओं को कौशल विकास के लिए अन्य लोगों को प्रेरित करने एवं आत्मनिर्भर भारत की दिशा में आगे बढ़ने की अपील की।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने विभिन्न महत्वपूर्ण योजनाओं और कार्यक्रमों से देश को एक नई दिशा दी है। ऐसा ही एक महत्वपूर्ण कार्यक्रम है कौशल विकास कार्यक्रम। भारत युवाओं का देश है। हमारे युवाओं में देश को आगे ले जाने की योग्यता और क्षमता है। आज का विश्व प्रतिस्पर्धा का विश्व है। हमें अपने युवाओं को इस प्रतिस्पर्धा में जीतने योग्य बनाना है। इसके लिए बाजार की मांग के अनुरूप युवाओं के कौशल विकास पर खास ध्यान देना है। कोरोना की वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए कौशल विकास कार्यक्रम को आत्मनिर्भर भारत और वोकल फॉर लोकल से जोङने की जरूरत है। इसके लिए जरूरत है, स्थानीय संसाधनों की उपलब्धता और भविष्य के बाजार की मांग के अनुसार रूपरेखा तैयार की जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड में कृषि, उद्यानिकी, फूड प्रोसेसिंग, पर्यटन विशेष तौर पर साहसिक पर्यटन और आईटी पर फोकस किया जा सकता है। इन क्षेत्रों में कौशल विकास के कार्यक्रम चलाए जाएं। इनकी मार्केटिंग पर भी ध्यान देना होगा। प्रदेश में स्थानीय स्वयं सहायता समूहों और इनमें भी महिला स्वयं सहायता समूहों को कौशल विकास से जोड़ें तो बेहतर परिणाम मिल सकते हैं। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना 3.0 में उत्तराखंड को अधिक लक्ष्य आवंटित किये जाने का अनुरोध किया।

इस अवसर पर वर्चुअल माध्यम से कौशल विकास एवं उद्यमशीलता मंत्रालय, भारत सरकार के अपर सचिव श्री अतुल कुमार तिवारी, राष्ट्रीय कौशल विकास निगम के सीईओ डॉ. मनीष कुमार, सचिव कौशल विकास, उत्तराखण्ड श्री डी. सेंथिल पांडियन एवं निदेशक कौशल विकास श्री आर. राजेश कुमार आदि उपस्थित थे।

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