उत्तराखंड में 35 गाय और भैंस लंपी वायरस से मरे,

 

उत्तराखंड के पशुपालन मंत्री सौरभ बहुगुणा ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर लंपी वायरस से उत्तराखंड में गाय और भैंस मरने वालों की संख्या की जानकारी दी है जिसमें सौरभ बहुगुणा ने कहा है कि 35 गाय और भैंस लंपी वायरस से अब तक उत्तराखंड में मरे हैं इससे पहले सौरभ बहुगुणा ने एक इंटरव्यू में 325 गाय और भैंस मरने की जानकारी दी थी जिसको बाद में सही करते हुए प्रेस नोट जारी किया और जिसमें उत्तराखंड में गाय और भैंस वायरस से कितने मरे उसकी जानकारी दी गई है

दिनांक 10.08.2022 को मा0 मंत्री पशुपालन, डेयरी विभाग श्रम एवं कौशल विकास एवं गन्ना विकास श्सौरभ बहुगुणा जी की अध्यक्षता में वीर चन्द्र सिंह गढवाली सभागार विश्वकर्मा भवन सचिवालय में पशुपालन विभाग के अधिकारियों के साथ राज्य के पशुओं में फैल रही लम्पी स्किन डिजीज तथा अफ्रीकन स्वाईन फीवर की स्थिति की समीक्षा की गई जिसमे सभी जनपदों के मुख्य पशुचिकित्साधिकारियों द्वारा ऑन लाईन प्रतिभाग किया गया। बैठक में सचिव पशुपालन डा० वी०आर० सी० पुरुषोत्तम द्वारा राज्य के पशुओं में फैल रही बीमारी के सम्बन्ध में मा० मंत्री जी को अवगत कराया तथा डा० देवेन्द्र शर्मा, संयुक्त निदेशक रोग नियन्त्रण द्वारा फैल रही बीमारी की स्थिति के सम्बन्ध में प्रस्तुतीकरण के माध्यम से अवगत कराया गया कि राज्य के हरिद्वार जनपद में लम्पी स्किन डिजीज फैली हुई है, जिसमें आतिथि तक कुल 454 पशुओं का 26 विभिन्न कैम्पों के द्वारा इलाज किया जा चुका है तथा 35 पशुओं की रोग से मृत्यु हो चुकी है। रोग की रोकथाम हेतु 30,000 गोटपॉक्स वैक्सीन जनपद में उपलब्ध करा दी गई है जिसका टीकाकरण किया जा रहा है तथा राज्य के सीमा से लगे गाँवों में टीका किया जाना प्रस्तावित है। अफ्रीकन स्वाईन फीवर के सम्बन्ध में अवगत कराया गया है कि राज्य के तीन जनपदों पौड़ी, देहरादून व नैनीताल के कुछ क्षेत्रों के सूकर पशुओं में रोग की पुष्टि हुई है जिसमें आतिथि तक 715 सूकर की मृत्यु हो चुकी है तथा 53 सूकर पशुओं की कलिंग की जा चुकी है। मा0 मंत्री जी द्वारा बैठक में अन्य राज्यों की सीमा से लगे ग्रामों में प्राथमिकता के आधार पर टीकाकरण किये जाने के निर्देश दिये गये तथा सभी मुख्य पशुचिकित्साधिकारियों को आवश्यक टीकों की माँग प्रस्तुत करने हेतु कहा गया। संक्रमण को रोकने हेतु मा0 मंत्री जी द्वारा मच्छरों की रोकथाम किये जाने के निर्देश दिये गये जिस पर सचिव पशुपालन द्वारा समस्त मुख्य पशुचिकित्साधिकारियों को जनपद के जिलाधिकारियों के सहयोग से नगर निकायों की मदद से मच्छरों की रोकथाम हेतु औषधि का छिड़काव एवं सेनीटाईजर के छिड़काव किये जाने के निर्देश दिये गये। मा० मंत्री जी द्वारा एफ०एम०डी० टीकाकरण के ईनाफ एन्ट्री पर असन्तोष व्यक्त करते हुए तत्काल ईनाफ एन्ट्री किये जाने के निर्देश दिये गये। मा० मंत्री जी द्वारा विभागीय अधिकारियों को अफ्रीकन स्वाईन फीवर हेतु मुआवजा दिये जाने हेतु निर्देशित किया गया। बैठक में डा० प्रेम कुमार, निदेशक पशुपालन, डा० देवेन्द्र शर्मा, संयुक्त निदेशक, रोग नियन्त्रण, डा० अनोज कुमार डिमरी, उपमुख्य पशुचिकित्साधिकारी द्वारा प्रतिभाग किया गया। अपर निदेशक, पशुपालन विभाग, गढ़वाल मण्डल पौड़ी एवं कुमयू मण्डल नैनीताल तथा समस्त मुख्य पशुचिकित्साधिकारियों द्वारा ऑनलाईन निर्देश प्राप्त किये गये।

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